bhairav kavach Things To Know Before You Buy



नैऋत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे

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चाग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरव: । ।

इति श्रीब्रह्मकवचं भैरवस्य प्रकीर्तितम् ॥ २१॥

वामदेवो वनान्ते च वने घोरस्तथाऽवतु ॥ ९॥

वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात्सुरेश्वरः ।

वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥

वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः।।

वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥

मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान् गंजास्तथा

वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः more info

वाद्यं वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा

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